वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देख नाग मुनि मोहे॥
अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥
शिव भजन
किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥
जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥
त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा। तन नहीं ताके रहे कलेशा॥
वेद माहि महिमा तुम गाई। more info अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥
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सबहिं कृपा कर लीन बचाई ॥ किया तपहिं भागीरथ भारी ।
बुरी आत्माओं से मुक्ति के लिए, शनि के प्रकोप से बचने हेतु हनुमान चालीसा का पाठ shiv chalisa lyricsl करें
जो कोई जांचे सो फल पाहीं ॥ अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी ।
. शिव चालीसा लिरिक्स के सरल शब्दों से भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न होते हैं
त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय शिव…॥